वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी
- Hindi Poem by सुदर्शन फ़ाक़िर
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी
मुहल्ले की सबसे निशानी पुरानी
वो बुढ़िया जिसे बच्चे कहते थे नानी
वो नानी की बातों में परियों का डेरा
वो चेहरे की झुरिर्यों में सदियों का फेरा
भुलाए नहीं भूल सकता है कोई
वो छोटी सी रातें वो लम्बी कहानी
...
कहाँ तो तय था चरागाँ हर एक घर के लिए
- Hindi poem by Dushyant Kumar (दुष्यंत कुमार)
कहाँ तो तय था चरागाँ हर एक घर के लिए
कहाँ चराग मयस्सर नहीं शहर के लिए
यहाँ दरख्तों के साए में धूप लगती है
चलो यहाँ से चले और उम्र भर के लिए
न हो कमीज तो घुटनों से पेट ढक लेंगे
ये लोग कितने मुनासिब हैं इस सफर के लिए
खुदा नहीं न सही आदमी का ख्वाब सही
कोई हसीन नजारा तो है नजर के लिए
वो मुतमइन हैं कि पत्थर पिघल ...
रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) is one of the India's most loved poet. He became the first Indian to Nobel Prize in Literature in 1913. Tagore has a unique distiction of writing national anthems of two countries - India's Jana Gana Mana and Bangladesh's Amar Shonar Bangla. Here we present a collection of his hindi poems. We will go on adding more to this collection of tagore poems in ...
Here are a set of hindi poems by Swami Vivekananda (स्वामी विवेकानंद).
Ma Kali (काली माँ)- Hindi Poem by Swami Vivekananda
छिप गये तारे गगन के,
बादलों पर चढ़े बादल,
काँपकर गहरा अंधेरा,
गरजते तूफान में, शत
लक्ष पागल प्राण छूटे
जल्द कारागार से–द्रुम
जड़ समेत उखाड़कर, हर
बला पथ की साफ़ करके ।
शोर से आ मिला सागर,
शिखर लहरों के पलटते
उठ रहे हैं कृष्ण नभ का
स्पर्श करने के लिए द्रुत,
किरण जैसे ...
होली (Holi)
- हरिवंश राय बच्चन (Harivansh Rai Bachchan)
यह मिट्टी की चतुराई है,
रूप अलग औ’ रंग अलग,
भाव, विचार, तरंग अलग हैं,
ढाल अलग है ढंग अलग,
आजादी है जिसको चाहो आज उसे वर लो।
होली है तो आज अपरिचित से परिचय कर को!
निकट हुए तो बनो निकटतर
और निकटतम भी जाओ,
रूढ़ि-रीति के और नीति के
शासन से मत घबराओ,
आज नहीं बरजेगा कोई, मनचाही कर लो।
होली है तो आज ...
मैं हूँ उनके साथ खड़ी जो सीधी रखते अपनी रीढ़
- हरिवंश राय बच्चन (Harivansh Rai Bachchan)
कभी नही जो तज सकते हैं, अपना न्यायोचित अधिकार
कभी नही जो सह सकते हैं, शीश नवाकर अत्याचार
एक अकेले हों, या उनके साथ खड़ी हो भारी भीड़
मैं हूँ उनके साथ, खड़ी जो सीधी रखते अपनी रीढ़
निर्भय होकर घोषित करते, जो अपने उदगार विचार
जिनकी जिह्वा पर होता है, उनके अंतर का अंगार...
वीरों का कैसा हो बसंत
- सुभद्रा कुमारी चौहान (Subhadra Kumari Chauhan)
आ रही हिमालय से पुकार
है उदधि गजरता बार-बार
प्राची पश्चिम भू नभ अपार
सब पूछ रहे हैं दिग-दिगंत-
वीरों का कैसा हो बसंत
फूली सरसों ने दिया रंग
मधु लेकर आ पहुँचा अनंग
वधु वसुधा पुलकित अंग-अंग
है वीर देश में किंतुं कंत-
वीरों का कैसा हो वसंत
भर रही कोकिला इधर तान
मारू बाजे पर उधर...
पद्मिनी गोरा बादल
- नरेंद्र मिश्र (Narendra Mishr)
Padmini Gora Badal is an amazing poem in hindi by Narendra Mishr. It describes the bravery of Rajput warriors Gora and Badal who rescue Chittor Kind Ratan Singh who has been captured by Alauddin Khilji.
देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता
- सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
यदि तुम्हारे घर के
एक कमरे में आग लगी हो
तो क्या तुम
दूसरे कमरे में सो सकते हो?
यदि तुम्हारे घर के एक कमरे में
लाशें सड़ रहीं हों
तो क्या तुम
दूसरे कमरे में प्रार्थना कर सकते हो?
यदि हाँ
तो मुझे तुम से
कुछ नहीं कहना है।
देश कागज पर बना
नक्शा नहीं होता
कि एक हिस्से के फट जाने पर
बाकी हिस्से उसी तरह साबुत बने रहें
और नदियां, पर्वत, शहर, गांव...
Kids of all ages love poems due to their rhythmic nature and more so if it is in their mother tongue. Hindi has a rich tradition of beautiful kid poems (poems for children or bal kavitas). It is common to find even small kids reciting hindi poem (bal kavita) very enthusiastically.
Here is a collection of popular and famous hindi poems for kids and children.
- [बढ़े चलो (Badhe Chalo)](/poems/...