Best Poems of Harivansh Rai Bachchan in Hindi (हरिवंशराय बच्चन हिंदी कविता)
Harivansh Rai Bachchan (27 November 1907 – 18 January 2003) was a famous hindi poet. Apart from a prolific writer, he was also known for his beautiful renderings in kavi sammelan. His most influential work remains मधुशाला (Madhushala). Here is a collection of poems from Harivansh Rai Bachchan.
Famous / Best poems of Harivansh Rai Bachchan
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है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है (Hai Andheri Raat Par Diva Jalana Kab Mana Hai )
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यात्रा और यात्री (Yatra Aur Yatri)
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तीर पर कैसे रुकूँ मैं आज लहरों में निमंत्रण (Teer Pe Kaise Ruku Mein, Aaj Leharo mein Nimantaran)
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कोशिश करने वालों की (Koshish Karne Walon Ki) -- atributed to Harivansh Rai ji sometimes.
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मैं हूँ उनके साथ खड़ी जो सीधी रखते अपनी रीढ़- Mein Hu Unke Saath Khadi Jo Seedhi Rakhte Apni Reedh
Famous quotes and poem excerpts of Harivansh Rai Bachchan
जो बीत गई सो बात गई
जीवन में एक सितारा था
माना वह बेहद प्यारा था
वह डूब गया तो डूब गया
Jo beet gayee so baat gayee
Jeevan mein ek sitara tha
Mana woh behad pyara tha
Woh dub gaya to dub gaya
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मुसलमान औ' हिन्दू है दो, एक, मगर, उनका प्याला,
एक, मगर, उनका मदिरालय, एक, मगर, उनकी हाला,
दोनों रहते एक न जब तक मस्जिद मन्दिर में जाते,
बैर बढ़ाते मस्जिद मन्दिर मेल कराती मधुशाला!
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धर्मग्रन्थ सब जला चुकी है, जिसके अंतर की ज्वाला,
मंदिर, मसजिद, गिरिजे, सब को तोड़ चुका जो मतवाला,
पंडित, मोमिन, पादिरयों के फंदों को जो काट चुका,
कर सकती है आज उसी का स्वागत मेरी मधुशाला।।
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क्या करूँ संवेदना लेकर तुम्हारी?
मैं दुखी जब-जब हुआ
संवेदना तुमने दिखाई,
मैं कृतज्ञ हुआ हमेशा,
रीति दोनो ने निभाई,
किन्तु इस आभार का अब
हो उठा है बोझ भारी;
क्या करूँ संवेदना लेकर तुम्हारी?
क्या करूँ?
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Jab tak Jeevan hai tab tak Sangarsh hai