दो महीने बाद

अब दो महीने बाद ही सही - मैं इस ब्लोग पर दुबारा हाजिर हूँ । इसका सारा श्रेय जाता है हिन्दी के द्विगज चिट्ठकारों को । पिछले सप्ताह किसी तरह हिन्दी चिट्ठकारों को इस ब्लोग की भनक लग गई, और लग पड़ा टिप्पणियों का ताता । मित्रों, आप सबकी हौसला-अफजाही के लिये बहुत बहुत धन्यवाद ।

वेसे मैं एकदम निक्ठा भी नही रहा । मैं हिन्दी की कुछ प्रसिद्ध कविताओं को युनिकोड हिन्दी में लिखने में लगा हुआ था । कविता की कविता, और साथ में हिन्दी लिखने का अभ्यास । ये यहां पर उपलब्ध है - आप भी इनका आन्नद उठायें।

कुछ नया ताजा लेकर जल्दी ही दुबारा प्रस्तुत हूँगा ।